Contents
- 0.1 Computer मुख्य रूप से तीन प्रक्रिया में काम करता है –
- 0.2 Computer का पूरा नाम क्या है –
- 0.3 Computer सॉफ्टवेयर ?
- 0.4 कंप्यूटर के प्रकार –
- 0.5
- 0.6 Computer हार्डवेयर के अंतर्गत आने वाली चीजें –
- 0.7 Computer Input Device और Output Device
- 0.8 कंप्यूटर का इतिहास
- 1 कंप्यूटर की कुछ प्रमुख विशेषता -? (Speed) – कंप्यूटर के अंदर बड़े से बड़े काम आसानी से कुछ ही समय में किये जा सकते है जहां बड़े से बड़ी गणना करने के लिए अधिक लोग और अधिक समय लगता है तो वहीं कंप्यूटर कुछ ही समय में एक व्यक्ति द्वारा जटिल से जटिल गणनाओं को आसानी से कर देता है।
Computer एक मशीन है है जिसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के नाम से जाना जाता है Computer को बिना व्यक्ति के चलाया नहीं जा सकता है Computer चलाने के लिए व्यक्ति का आदेश-निर्देश जरुरी है Computer को जब तकव्यक्ति द्वारा आदेश-निर्देश नहीं दिया जाता है तब तक Computer खुद नहीं चलता है Computer को एक गणना [Calculation ] मशीन भी बोला जाता है क्योंकि इसके अंदर जटिल से जटिल गणना [Calculation ] को आसानी से किया जा सकता है.
” ध्यान दें – Computer एक अंग्रजी शब्द है और इसे हिंदी में गणना यंत्र कहा जाता है लेकिन दोस्तों Computer को भारत [India] देश में ज्यादातर Computer ही कहा जाता है। “

Computer मुख्य रूप से तीन प्रक्रिया में काम करता है –
- पहला Input
- दूसरा Process
- तीसरा Display
Input – Input में हम Computer को चालू करते है
Process – Process में Computer चालू होने के बाद Processing करता है और अपने सभी प्रोग्राम को चेक करता है बूटिंग प्रोसेस पूरी तरह से कम्पलीट करता है अगर किसी प्रोग्राम में कोई Error है तो उसे आपको बताता है।
Display – Display में Computer Process होने के बाद Computer पूरी तरह से आपको चालू के रूप में दिखता है जिसमें आपको कंप्यूटर की विंडोज , सॉफ्टवेयर आइकॉन, टास्कबार जैसे फंक्शन दिखाई देते है।

Computer का पूरा नाम क्या है –
C | COMMONLY – हर जगह उपयोगी |
O | OPERATE – मानव द्वारा चलाना |
M | MACHINE – यंत्र |
P | PROCESSING – [प्रक्रिया ] मानव दूर दिशा-निर्देश देना |
U | USERFRIENDLY – मानव द्वारा आसानी से उपयोग करना |
T | TECHNOLOGY – प्रौद्योगिकी |
E | EDIT – मानव द्वारा परिवर्तन करना |
R | RESULT/RESEARCH – परिणाम पाना |
What is Computer Hindi – Computer क्या है अब आप समझ होगें अब बात करते है Computer सॉफ्टवेयर के बारे में
Computer सॉफ्टवेयर ?
Computer के सॉफ्टवेयर चार प्रकार के होते है ?
पहला – सिस्टम सॉफ्टवेयर
दूसरा – एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
तीसरा – यूटिलिटी सॉफ्टवेयर
चौथा – विशेष कार्य उद्देश्य सॉफ्टवेयर

[ 1 ] सिस्टम सॉफ्टवेयर
Computer में सिस्टम सॉफ्टवेयर उसे कहते है जो Computer के सभी प्रोग्राम को नियंत्रण करते है Computer पर सभी एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पर काम करने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर की सहायता बहुत जरुरी है बिना सिस्टम सॉफ्टवेयर के Computer में किसी भी प्रकार की एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पर काम नहीं किया जा सकता है सिस्टम सॉफ्टवेयर Computer में काम करने के लिए बहुत महत्वूर्ण है सिस्टम सॉफ्टवेयर जैसे – Computer विंडोज , कण्ट्रोल पैनल, Computer ACCESSERIES आदि,
[ 2 ] एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर
Computer में एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर उसे कहते है जिस पर हम Computer से सम्बंधित काम करते है जैसे कि टाइपिंग करना , डाटा एंट्री करना, कंप्यूटर में हिसाब-किताब से सम्बंधित काम करना हर प्रकार के Computer से सम्बंधित काम Computer के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पर ही किये जाते है Computer के अंदर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर जैसे – MS WORD, MS EXCEL, MS POWERPOINT, PHOTOSHOP, COREL DRAW आदि।
[ 3 ] यूटिलिटी सॉफ्टवेयर
Computer के अंदर यूटिलिटी सॉफ्टवेयर उसको कहते है जो कंप्यूटर के छोटे-मोटे प्रोग्राम को चलाने के लिए यूजर की हेल्प करता है उनको छोटे-मोटे फंक्शन उपलब्ध करता है यूटिलिटी सॉफ्टवेयर जैसे – Volume, Disk Cleanup, Character Map, Backup, Lock, Cryptography आदि.
[4] विशेष कार्य उद्देश्य सॉफ्टवेयर
Computer के अंदर के अंदर विशेष कार्य उद्देश्य सॉफ्टवेयर उनको कहां जाता है जिसे आप अपने काम के अनुसार किसी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर इंजीनियर से बनबाते हो जिसका उपयोग केवल विशेष कार्य के लिए किया जाता है विशेष कार्य उद्देश्य सॉफ्टवेयर जैसे- हिसाब-किताब से सम्बंधित सॉफ्टवेयर बनबाना,
What is Computer Hindi – Computer क्या है और इसके सॉफ्टवेयर क्या है यह आप जान जान गये होगें अब बात करते है कंप्यूटर के प्रकार के बारे में
कंप्यूटर के प्रकार –
- Micro Computer
- Mini Computer
- Mainframe Computer
- Super Computer
Micro Computer
Micro Computer उसे कहते है जो हम अपने घर , ऑफिस , में उपयोग किया करते है इन Micro Computer के माध्यम से ही हम अपने कंप्यूटर सम्बंधित व्यक्तिगत काम करते है Micro Computer का उपयोग घर , व्यापार , स्कूल, कॉलेज, विभाग आदि स्थानों में किया जाता है। Micro Computer जैसे – Desktop , Laptop .
Mini Computer
Mini Computer वो होते है जिनका आकार तो छोटा होता है लेकिन उसके अंदर फंक्शन काफी बड़े और अधिक एडवांस लेवल के होते है Mini Computer Micro Computer से ज्यादा फंक्शन पाये जाना वाला Computer होता है Mini Computer जैसे – Notebook Computer , Tablet.
Mainframe Computer
Mainframe Computer Mini Computer और Micro Computer से काफी बड़े होते है और इनका आकार भी काफी बड़ा होता है लेकिन इस Computer को Super Computer से छोटा माना जाता है Mainframe Computer का उपयोग एक से अधिक लोग कर सकते है इसमें डाटा स्टोर करने की क्षमता बहुत अधिक होती है इसका उपयोग बैंकिंग , उद्योग कम्पनी करती है।
Super Computer
Super Computer दुनियां में सबसे बड़ा Computer माना जाता है क्योंकि इस Computer के माध्यम से ही प्रत्येक देश अपने बड़े-बड़े काम करता है यह बहुत Powerful Computer होते है और इसके चलने की क्षमता बहुत तेज होती है जब देश के अंदर – अंतरिक्ष , मौसम भविष्यवाणी , जैसे बड़े काम करने होते है तो इस Computer का उपयोग किया जाता है।

Computer हार्डवेयर के अंतर्गत आने वाली चीजें –
मदरबोर्ड – Computer हार्डवेयर के अंतर्गत मदरबॉर्ड बहुत महत्वपूर्ण पार्ट है इसके अंदर काफी डिवाइस कनेक्ट की जाती है बिना मदरबोर्ड के Computer चलाया नहीं जा सकता क्योंकि इसके अंदर ही Computer के अन्य हार्डवेयर पार्ट्स को जोड़ा जाता है जैसे – कंप्यूटर का कूलिंग फैन , कंप्यूटर की रेम , कंप्यूटर की हार्डडिस्क, आदि.
कूलिंग फैन – कंप्यूटर एक अंदर कूलिंग फैन कंप्यूटर के तापमान को नियंत्रण करता है कंप्यूटर को ठंडा रखता है यह कंप्यूटर के अंदर गर्मी उत्पन्न होने से रोकता है।
रेम – कंप्यूटर का हार्डवेयर पार्ट्स में रेम भी काफी महत्वपूर्ण पार्ट है क्योकि Computer की पूरी स्पीड Computer की रेम पर निर्भर करती है जब हम अपने Computer माउस से क्लिक करते है और Computer में लिखते है तो यह सब चीजे तेजी से Computer की रेम के द्वारा होती है कंप्यूटर में नॉर्मल काम करने के लिए 4 GB तक पर्याप्त रेम होनी चाहिए.
हार्डडिस्क – Computer में हार्डडिस्क Computer के सभी डाटा को एकत्रित करके रखता है Computer के अंदर डाटा जैसे – ऑडियो , वीडियो, इमेज,फोटो, डिज़ाइन, गाने , आदि सब चीजे Computer की हार्ड डिस्क के अंदर रखी जाती है जिसका उपयोग किसी भी समय किया जा सकता है.
ग्राफ़िक कार्ड – Computer के अंदर ग्राफ़िक कार्ड तब लगाया जाता है जब कंप्यूटर के अंदर इसकी जरुरत होती है अगर आप Computer के अंदर गेम्स, ग्राफ़िक डिजाइनिंग, विडियो एडिटिंग, जैसे हाई लेवल के काम करते है तो आपको Computer के अंदर ग्राफ़िक कार्ड लगाना बहुत जरुरी है अगर आप कंप्यूटर में ग्राफ़िक कार्ड नहीं लगायेगें तो आपका कंप्यूटर बार-बार हैंग होगा और आपको कंप्यूटर पर काम करते समय काफी परेशानी होगी।
Computer Input Device और Output Device
Computer Input Device
Keyword | किवॉर्ड एक Input Device है जिसके द्वारा हम कंप्यूटर के अंदर टाइपिंग का काम करते है जब हमें कंप्यूटर के अंदर कुछ लिखना होता है तब हम कंप्यूटर के अंदर कीबोर्ड का इस्तेमाल करते है। |
Mouse | Mouse एक Input Device है जब हमें कंप्यूटर के अंदर कोई प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर खोलना होता है तब हम कंप्यूटर के अंदर Mouse का उपयोग करते। है |
Scanner | Scanner भी एक Input Device है जब हमें किसी हार्ड कॉपी की सॉफ्ट कॉपी बनानी होती है तब हम उस हार्ड कॉपी को सॉफ्ट कॉपी बनाने के लिए कंप्यूटर के अंदर Scanner का उपयोग करते है। |
Microphone | कंप्यूटर में Microphone एक Input Device है जब हमें कंप्यूटर के अंदर कुछ रिकॉडिंग से सम्बंधित काम करना होता अपनी आवाज को कंप्यूटर के अंदर डालनी हो तब हम कंप्यूटर के अंदर Microphone Input Device का उपयोग करते है। |
Touchscreen | Touchscreen भी कंप्यूटर के एक इनपुट एक्टिविटी है यह टेक्नोलॉजी कंप्यूटर के अंदर अभी नई है इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से कंप्यूटर का उपयोग अपने हाथों की फिंगर से किया जाता है यानि कंप्यूटर का उपयोग touch करके भी किया जा सकता है उसको चलाया जा सकता है। |
Computer Output Device
Monitor | कंप्यूटर में Monitor के द्वारा कंप्यूटर से सम्बंधित हरी चीज डिस्प्ले कराई जाती है जब तक कंप्यूटर के अंदर Monitor नहीं जुड़ा होगा तब तक आप कंप्यूटर के अंदर किसी भी प्रोग्राम सॉफ्टवेयर या कंप्यूटर के अंदर होने वाली कोई भी गतिविधि को नहीं देख सकते ही. |
Printer | कंप्यूटर के अंदर जब आपको कोई डॉक्यूमेंट फाइल्स की हार्ड कॉपी निकालनी है तब आप कंप्यूटर के अंदर डॉक्यूमेंट फाइल की हार्ड कॉपी के लिए प्रिंटर का उपयोग करेगें जब तक कंप्यूटर के अंदर प्रिंटर नहीं जुड़ा होगा तब तक कंप्यूटर के किसी भी सॉफ्ट कॉपी यानि डॉक्यूमेंट का प्रिंट नहीं निकल सकता है। |
Speaker | कंप्यूटर के अंदर किसी भी चीज की आवाज सुनने के लिए कंप्यूटर के अंदर Speaker को जोड़ा जाता है क्योंकि आप जब तक कंप्यूटर के अंदर स्पीकर नहीं जोड़ेगें तब तक आप कंप्यूटर के अंदर किसी भी प्रकार के ऑडियो विडियो की आवाज नहीं सुन सकते है। |
कंप्यूटर का इतिहास
कंप्यूटर की जनरेशन कौनसी-कौनसी है –
कंप्यूटर की जनरेशन को 5 भागों में बांटा गया है
पहली कंप्यूटर जनरेशन – इस जनरेशन के कंप्यूटर में Vacuum Tube का उपयोग किया गया था इस जनरेशन के कंप्यूटर दुनियां के सबसे बड़े कंप्यूटर माने जाते थे इस जनेरेशन के कंप्यूटर ज्यादा सक्सेस नहीं हुये क्योंकि इस जनरेशन के कंप्यूटर जल्दी ख़राब हो जाते थे क्योंकि इस जनेरेशन के कंप्यूटर बहुत जल्दी गर्म होते है पहली कंप्यूटर जनरेशन की अवधि 1946 से 1955 तक मानी जाती थी.
कंप्यूटर की दूसरी जेनेरशन – इस जनरेशन के कंप्यूटर में Vacuum Tube की जगह Transistor का उपयोग किया गया था 1948 में Shockly नाम के एक वैज्ञानिक ने Transistor का अविष्कार किया था कंप्यूटर में Vacuum Tube की जगह Transistor का उपयोग होने पर कंप्यूटर का साइज काफी छोटा हो गया लेकिन इसके अंदर भी कंप्यूटर गर्म होने की समस्या बनी रहती थी इस जनरेशन में डाटा स्टोर करने के लिए Magnetic Tap का उपयोग किया गया कंप्यूटर की दूसरी जनरेशन की अवधि 1955 से 1965 तक मानी जाती है.
कंप्यूटर की तीसरी जनरेशन – इस जनरेशन के कंप्यूटर में Transistor टेक्नोलॉजी की जगह Integrated Circuit का उपयोग किया गया था 1943 में H Johnson ने Integrated Circuit टेक्नोलॉजी का निर्मणा किया था इस जनरेशन के कंप्यूटर में हार्ड डिस्क का उपयोग किया गया था सामान्य टाइपिंग काम करने के लिए नॉर्मल वर्ड प्रोसेसिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया और इसी जनरेशन में मिनी कंप्यूटर का निर्माण हुआ इस कंप्यूटर की अवधि 1965 से 1975 तक मानी जाती है।
कंप्यूटर की चौथी जनरेशन – इस जनरेशन के कंप्यूटर में Integrated Circuit टेक्नोलॉजी की जगह Microprocessor Very Large Scale Integrated Circuit का उपयोग किया गया इस जनरेशन के कंप्यूटर में इंटरनेट का उपयोग किया गया इस जनरेशन के कंप्यूटर पिछली अन्य जनरेशन के कंप्यूटर के तुलना में काफी एडवांस हो गये थे इस जनरेशन के कंप्यूटर के काफी फ़ास्ट थे और एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने और ले जाने काफी आसान था इस जनरेशन के कंप्यूटर की अवधि 1975 से 1980 मानी जाती है।
कंप्यूटर की पांचवी जनरेशन – इस जनरेशन के कंप्यूटर वर्तमान में उपयोग किये जा रहे है इस जनरेशन के कंप्यूटर स्वयं सोचने की क्षमता (Artificial ) माने जाते है इस जनरेशन के कंप्यूटर में एडवांस इंटरनेट , फ़ास्ट वर्क , यूजर फ्रेंडली होते है इस जनरेशन की अवधि 1980 से लेकर अभी तक चल रही है।
कंप्यूटर की कुछ प्रमुख विशेषता -? (Speed) – कंप्यूटर के अंदर बड़े से बड़े काम आसानी से कुछ ही समय में किये जा सकते है जहां बड़े से बड़ी गणना करने के लिए अधिक लोग और अधिक समय लगता है तो वहीं कंप्यूटर कुछ ही समय में एक व्यक्ति द्वारा जटिल से जटिल गणनाओं को आसानी से कर देता है।
(Accuracy) – कंप्यूटर पर किये जाने वाले काम कंप्यूटर कभी गलत नहीं बताता है अगर कंप्यूटर गलत बताता है तो यह कंप्यूटर चलाने वाली की गलती होती है।
(Automation) – कंप्यूटर खुद नहीं चलता है उसे चलाने के लिए मानव द्वारा आदेश-निर्देश दिए जाते है जब तक मानव कंप्यूटर चालू नहीं करेगा और ना ही माउस से क्लिक करेगा तब तक कंप्यूटर ना तो चालू होगा और ना ही कोई प्रोग्राम ओपन करेगा।
(Versatility ) – कंप्यूटर के अंदर एक से अधिक काम एक ही समय में किये जा सकते है अगर कोई व्यक्ति कंप्यूटर के अंदर टाइपिंग या डिजाइनिंग का काम कर रहा है तो वो इन कामों के साथ-साथ गाने , फाइल कॉपी पेस्ट आदि काम भी कर सकता है।
कंप्यूटर की समायें –
कंप्यूटर खुद से नहीं चलता है कंप्यूटर के मशीन है जिसे मानव द्वारा चलाया जाता है.
कंप्यूटर अपने भावना प्रकट नहीं कर सकता है वो अच्छी-बुरी बात नहीं जानता है आप कंप्यूटर के अंदर अच्छे या बुरे कोई भी काम कर सकते हो।
कंप्यूटर खुद से कोई विकल्प सेलेक्ट नहीं करता है कंप्यूटर के अंदर कोई भी प्रोग्राम फंक्शन मानव के द्वारा ही खोले जाते है।
कंप्यूटर अपने खुद का विकाश नहीं कर सकता है उसका विकाश केवल मानव द्वारा ही संभव है।