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Virus क्या है Virus कितने प्रकार के होते है पहला Virus कब और कैसे बना और इंटरनेट पर फैलने वाले पहले वायरस का नाम क्या था और पेरशनल कंप्यूटर में पहला वायरस फैलने वाले का नाम क्या था?
Virus सब्द का Computer में उपयोग सबसे पहले एक English Writer केविक गैरोल्ड ने अपनी पुस्तक में ” When Harlie Wasare ” सन, 1972 में किया उन्होंने परिकल्पना के तौर पर इस पुस्तक में Computer Program का नाम Virus रखा था जब टेलीफोन की घंटी मनमाने ढंग से तब तक बजती थी, जब तक कि टेलीफोन के तारों से जुड़ा Computer Network उसे नहीं मिल पाता था
इसके बाद सन, 1988 में Computer जगत के लिए एक विशेष ऐतिहासिक महत्व का समय रहा है इस वर्ष कुछ अन्जाने Software Program बिना किसी पूर्व सूचना के Computer के क्षेत्र में आये ऐसे Software Program को न पहले कभी देखा था और न ही इनके बारे में कोई जानकारी थी इस प्रकार के अति सूक्ष्म Program विश्व की Information Technology को अधिक प्रभावित किया इन सभी अनजाने Software Program को Virus कहा गया है.
पहला Virus का निर्माण किसने किया था ?
Virus Program की शुरुआत पाकिस्तान देश से हुई मानी जाती है सन, 1988 के इस वहुचर्चित Program का नाम सीब्रेन था इस खतरनाक Virus Program के बाद भी अनेक Virus Program Computer के क्षेत्र में आये असद , बसीत दो भाई ‘ C Asath सीब्रेन नाम के दो Virus तैयार किये।
इंटरनेट पर फैलने वाला पहला वायरस ?
पहला वायरस 1970 में फैला था जो Arpanet [Advanced Research Projects Agency] के नेटवर्क में फैला था इसे ही कंप्यूटर का प्रथम वायरस कहा गया था.
Persional कंप्यूटर में फैलने वाला पहला वायरस?
Persional कंप्यूटर में फैलने वाले पहले वायरस का नाम Elk Cloner था जो 15 वर्षीय रिचर्ड स्क्रेंटा ने Apple के दूसरे [Dos 3.3] ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए बनाया था जो एक मजाकिया वायरस था ऐसे फ्लॉपी डिस्क में स्टोर किया जा सकता है जब भी उस फ्लॉपी डिस्क को किसी कंप्यूटर में बूट किया जाता है वायरस अपने आप कंप्यूटर में फ़ैल जाता।
Virus के प्रकार
- Boot Sector Virus
इस प्रकार के Virus Program Pen Drive या Hard Disk के बूठ सेक्टर में संग्रहीत हो जाते है जब Computer को On करते है तब यह Operating System को Load होने में बाधा डालते है और यदि किसी तरह Operating System Work करने लगता है तो यह दूसरे Machine को भी बाधित है. v
- Partition Table Virus
जब भी कोई Virus Hard Disk के Partition Table को प्रभावित करता है. तब वह Data क्षेत्र को प्रभावित नहीं करता है. वह सिर्फ Program क्षेत्र (MBR-Master Boot Record) पर ही प्रभावित होकर निम्नलिखित कार्य करता है:
- खुद को Memory के उच्च क्षेत्र पर Load करता है.
- Ram की Capacity को कम करता है.
- Disk Input & Output को प्रभावित करता है जिससे Input & Output धीमी हो जाती है
- File Virus
File Virus Computer यह Files को नुकसान पहुँचता है यह Virus EXE. File को नुकसान पहुँचता है इसलिए इसे File Virus कहा गया है.
4. Malware
मैलवेयर का पूरा नाम होता है मालिसियस सॉफ्टवेयर यह एक सॉफ्टवेयर जो केवल हैकर द्वारा बनाया जाता है यह वायरस आपके सिस्टम में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार से आ सकता है ऑनलाइन जैसे अगर आप इंटरनेट पर अपने सिस्टम में पायरेटेड कंटेंट डाउनलोड कर रहे है पायरेटेड कंटेंट जैसे बिना लिससेंस वाली वेबसाइट से मूवी डाउनलोड कर रहे है, बिना लाइसेंस वाले सॉफ्टवेयर यूज़ कर रहे है, कोई भी सॉफ्टवेयर क्रैक करके चला रहे है तो इस वजह से आपके सिस्टम में मैलवेयर आ सकता है
मैलवेयर आपके सिस्टम में ऑफलाइन भी आ सकता है आपने किसी व्यक्ति से Pendrive में ऐसा सॉफ्टवेयर कॉपी किया जो क्रैक किया है जो पायरेटेड वेबसाइट से डाउनलोड किया तो आप Pendrive से कॉपी करके पाने सिस्टम में वो सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करेगें तो यह सॉफ्टवेयर के द्वारा आपके सिस्टम में मैलवेयर फ़ैल जायेगा
मैलवेयर आपके सेटम में स्पैम ईमेल, स्पैम मैसेज,स्पैम एड्स के द्वारा भी आ सकता है जरुरी नहीं है की यह सॉफ्टवेयर इनस्टॉल या डाउनलोड करने से ही आये.
5. Worms
Worms वायरस लैपटॉप या कंप्यूटर में तेजी से फैलने वाला वायरस है यह वायरस इंटरनेट के द्वारा हमारे लैपटॉप कंप्यूटर में फैलता है जब हम किसी ऐसे लिंक या फाइल पर क्लिक करते है जिसके अंदर Worms वायरस होता है तो यह आटोमेटिक हमारे अनुमति के बिना हमारे सिस्टम में फैलने लगता है और हमारे सिस्टम में डुप्लीकेट फाइल & फोल्डर ऑटोमेटिकली बनाने लगता है
अगर हम Worms वायरस से प्रभावित लैपटॉप या कंप्यूटर से कोई फाइल या फोल्डर किसी अन्य लैपटॉप या कंप्यूटर में डालते है तो यह वायरस अन्य कंप्यूटर को भी दूषित कर देते है और इस वजह से लैपटॉप कंप्यूटर स्लो हो जाते है फाइल & फोल्डर ठीक से ओपन नहीं होते है फाइल फोल्डर कर्रप्ट की स्थति उतपन्न होने लगती है.
6. Trojan
यह कंप्यूटर के डुप्लीकेट सॉफ्टवेयर होते है जो हैकर या स्पैमर द्वारा बनाये जाते है इंटरनेट पर जब आप अपने कंप्यूटर या लैपटॉप के लिए फ्री एंटीवायरस, फ्री लैपटॉप की स्पीड बढ़ाने वाले सॉफ्टवेयर या फ्री अन्य सॉफ्टवेयर अपने सिस्टम में डाउनलोड करके इनस्टॉल करते है तो यह आपके सिस्टम को हैक कर सकते है क्योंकि Trojan सॉफ्टवेयर में हैकर द्वारा वायरस स्टोर किया जाता है जब कोई भी यूजर सिस्टम में ट्रोजन सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल करेगा तो ट्रोजन के साथ सिस्टम में वायरस अपने आप ही इनस्टॉल हो जायेगा यह वायरस आपके लैपटॉप या कंप्यूटर को ख़राब कर देगा या फिर आपके सिस्टम को हैक कर लेगा।
What is a virus