KEYWORD DENSITY क्या है KEYWORD DENSITY कितनी होनी चाहिये ?

KEYWORD DENSITY क्या है?

जब कोई ब्लॉगर अपनी वेबसाइट या ब्लॉग में कोई पोस्ट लिखता है तो वो पोस्ट के कंटेंट का कोई एक टाइटल और एक Focus Keyword जरूर बनाता  है जो उस पोस्ट के कंटेंट को प्रेजेंट करता है तो इस पोस्ट के Focus Keyword को हम कंटेंट में जरुरत के अनुसार ज्यादा बार लिख दिया है

जैसे एक पोस्ट का कंटेंट 500 शब्दों का है और आपने इन 500 शब्दों के कंटेंट में 50 बार Focus Keyword को लिख दिया है तो आपकी KEYWORD DENSITY 10 % प्रतिशत होगी और यदि इन 500 शब्दों में 25 बार Focus Keyword लिखा है तो आपके आर्टिकल या पोस्ट के कंटेंट की KEYWORD DENSITY 25 % होगी।

KEYWORD DENSITY की माप Focus Keyword से होती है आप अपनी पोस्ट में Focus Keyword जितनी बार-बार लिखोगे पोस्ट की KEYWORD DENSITY  उतनी बढ़ती जायेगी-

उदहारण – दोस्तों आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट में कंप्यूटर से सम्बंधित पोस्ट लिख रहे हो और आपके पोस्ट के कंटेंट का टाइटल है “Computer क्या है और कंप्यूटर कैसे सीखें ” तो टाइटल के अंदर Focus Keyword है  “Computer क्या है” तो आपने जितनी बार “Computer क्या है” यह लिखा है तो आपकेपोस्ट के कंटेंट की KEYWORD DENSITY उतनी होगी। 

KEYWORD DENSITY क्या है ? [SEO]

हमारे पोस्ट के कंटेंट में KEYWORD DENSITY कितनी होनी चाहिये ?

 वेबसाइट या ब्लॉग के पोस्ट के कंटेंट में KEYWORD DENSITY उस पोस्ट के कंटेंट के आधार पर होनी चाहिये जैस आपने अपनी वेबसाइट या ब्लॉग के पोस्ट के कंटेंट में 1000 शब्द लिखे है तो इस 1000 शब्दों में KEYWORD DENSITY 2% या 3% परसेंट होनी चाहिये यानि 1000 शब्दों की बीच ” Focus Keyword है  ” चार या पांच लिखा जाये।

KEYWORD DENSITY

वेबसाइट या ब्लॉग के पोस्ट लिखते समय KEYWORD DENSITY ध्यान क्यों रखना चाहिये ?

जब हम अपने वेबसाइट या ब्लॉग में पोस्ट लिखते है तो हमें पोस्ट के कंटेंट में KEYWORD DENSITY का विशेष ध्यान रखना चाहिये यदि हम अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पोस्ट में KEYWORD DENSITY  का ध्यान नहीं रखते है और गलती से KEYWORD DENSITY ज्यादा करते देते है यानि KEYWORD Stuffing करते देते है

तो यह गूगल इंटरनेट सर्च इंजन की Guideline के विरुद्ध है यदि कोई वेबसाइट या ब्लॉग KEYWORD Stuffing कर देता है तो गूगल उस वेबसाइट या ब्लॉग पर पेनल्टी लगा देता है जिससे उसकी वेबसाइट या ब्लॉग गूगल के सर्च इंजन की रैंकिंग में गिर जाती है और गूगल का सर्च इंजन उस पोस्ट के कंटेंट अपने सर्च इंजन में रैंक नहीं करता है। 

ध्यान दें – जब वेबसाइट या ब्लॉग के पोस्ट के कंटेंट में KEYWORD DENSITY अधिक होती है तब KEYWORD DENSITY ही KEYWORD Stuffing का रूप ले लेती है कहने का मतलब पोस्ट में KEYWORD DENSITY ज्यादा होगी तो उसे KEYWORD Stuffing कहा जायेगा।

पोस्ट के कंटेंट में KEYWORD DENSITY ज्यादा होना एक Black Hat SEO  की Technique को दर्शाता है क्या ?

जब कोई ब्लॉगर अपनी पोस्ट में KEYWORD DENSITY ज्यादा करता है तो यह गूगल इंटरनेट सर्च इंजन के Guideline और नियम के विरुद्ध है और कोई भी इस तरह की एक्टिविटी गूगल इंटरनेट सर्च इंजन के Guideline और  नियम के विरुद्ध आती है तो आप समझों यह Black Hat SEO की एक Technique और यदि कोई ब्लॉगर अपनी वेबसाइट या ब्लॉग पर Black Hat SEO Technique का Use करता है तो गूगल का इंटरनेट सर्च इंजन उस वेबसाइट या ब्लॉग को रैंकिंग गिरा देती है। 

वेबसाइट या ब्लॉग के पोस्ट में KEYWORD DENSITY ज्यादा होती है तो यह इससे वेबसाइट या ब्लॉग को क्या-क्या हानि हो सकती है?

  • वेबसाइट या ब्लॉग के पोस्ट में KEYWORD DENSITY ज्यादा होती है तो यह एक Black Hat SEO Technique है।
  • पोस्ट में KEYWORD DENSITY ज्यादा होने से गूगल उस पोस्ट को अपने सर्च इंजन में कभी-भी रैंक नहीं करेगी।
  • पोस्ट में KEYWORD DENSITY ज्यादा होने से गूगल का सर्च इंजन उस पोस्ट की रैंकिंग को हमेशा के लिए गिरा सकता है। 
  • पोस्ट में KEYWORD DENSITY ज्यादा होने से वेबसाइट या ब्लॉग की वैल्यू गूगल इंजन के नजर में गिर जाती है.
  • पोस्ट में KEYWORD DENSITY ज्यादा होने से आपकी वेबसाइट या ब्लॉग का White Hat Seo काफी प्रभावित हो सकता है। 
  • पोस्ट में KEYWORD DENSITY ज्यादा होने से आपकी वेबसाइट या ब्लॉग पर गूगल सर्च इंजन से आने वाला ट्रैफिक कम हो सकता है और आपकी वेबसाइट या ब्लॉग की Quality भी गिर सकती है। 
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