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Booting Process क्या है?
जब आप अपने कंप्यूटर को चालू करते हो और चालू होने के बाद कंप्यूटर के अंदर जो छोटी सी प्रोसेस होती है और वो प्रोसेस कंप्यूटर के अंदर ठीक तरीके से पूरी हो जाती है और आपका कंप्यूटर पूरी तरह से चालू हो जाता है आपके कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सीस्टम यानी विंडोज डिस्प्ले पर पूरी तरह से दिखने लगती है तो बस इसी को Computer के अंदर Booting Process कहा जाता है।
Computer के अंदर कैसे Booting Process होती है?
जब आप अपने कंप्यूटर का पॉवर बटन दबाते हो तो पॉवर बटन दबाते ही आपका कंप्यूटर कंप्यूटर के अंदर लगे मैन Componets को चेक करता है जैसे कि-
- आपके कंप्यूटर का पॉवर सप्लाई
- आपके कंप्यूटर की RAM (Random Access Memory )
- आपके कंप्यूटर का मदर बोड और आपके कंप्यूटर का प्रोसेसर,
जब आपका कंप्यूटर इन चारों चीजों को सही तरीके से चेक कर लेता है और देख लेता है की यह चारों चीजें कंप्यूटर के अंदर सही तरीके से वर्क कर रहे है कि नहीं ,
यदि यह चारों Components कंप्यूटर के अंदर सही तरीके वर्क कर रहे है तो यह चारों Components मिलकर कंप्यूटर के अंदर BIOS ( Basic Input Output System ) की प्रोसेस को चालू करते है और फिर कंप्यूटर के अंदर BIOS ( Basic Input Output System ) की प्रोसेस चालू होने की वजह से Post (Power On Self Test ) चालू हो जाता है और फिर यह कंप्यूटर के अंदर लगे हर Internal और External Device को Check करता है की वो कंप्यूटर के अंदर अच्छे तरीके से वर्क कर रहे है कि नहीं।
यदि कंप्यूटर के अंदर लगी हुई सभी Internal और External Device ठीक है और कंप्यूटर के अंदर सही तरीके से वर्क कर रही है तो कंप्यूटर आपका बिना एरर के चालू हो जायेगा और अगर यदि कंप्यूटर के अंदर कोई भी Internal और External Device ठीक तरीके से कार्य नहीं कर रही है तो आपका कंप्यूटर चालू होते समय इससे सम्बंधित एरर दिखा देगा जैसे की- F1 Press Key
“आपने कभी ना कभी कंप्यूटर लैपटॉप चालू करने के लिए कंप्यूटर लैपटॉप में F1 या F 2 Keyboard Key जरूर दबाई होगी तो आपको कंप्यूटर लैपटॉप में F1 या F 2 Keyboard Key तब दबाने के जरूर पड़ती है जब आपके कंप्यूटर लैपटॉप के अंदर कोई डिवाइस ख़राब हो”
कंप्यूटर के अंदर Internal और External Device जैसे कि- Keyword. Mouse , Printer आदि
जब कंप्यूटर के अंदर BIOS ( Basic Input Output System ) की मदत से जब Post (Power On Self Test ) कंप्यूटर के सभी Internal और External Device को पूरी तरह से Check कर लेता है तो उसके बाद फिर आपका कंप्यूटर पूर्ण रूप से चालू हो जाता है और फिर आपके सामने ऑपरेटिंग सिस्टम की Default स्क्रीन दिखने लगती है तो बस इसी को Process को कंप्यूटर की बूटिंग Process का नाम दिया गया है.
Booting Process कितने प्रकार की होती है ?
Booting Process दो प्रकार की होती है –
- Cold Booting
- Warm Booting
Cold Booting – दोस्तों कंप्यूटर के अंदर COLD BOOTING करने के लिए कंप्यूटर का पावर बटन का इस्तेमाल करना पड़ता है इसके अंदर हम अपने कंप्यूटर का शटडाउन फंक्शन का उपयोग करके कंप्यूटर को बंद करते है और फिर कंप्यूटर बंद होने के बाद उसे चालू करते है तो बस यही प्रक्रिया COLD BOOTING PROCESS की होती है
ध्यान दें – कंप्यूटर के अंदर COLD BOOTING PROCESS तभी मानी जायेगी जब आप अपने कंप्यूटर का पावर बटन बिना दबाये अपने कंप्यूटर को बंद करते हो और फिर चालू करते हो।
“कहने का मतलब यह है कि COLD BOOTING PROCESS में कंप्यूटर को बंद करने के लिए “कंप्यूटर के शटडाउन फंक्शन” उपयोग किया जाता है ना कि पावर बटन “
Warm Booting – दोस्तों जब हम अपने कंप्यूटर के अंदर कोई कार्य कर रहे होते है तो कंप्यूटर पर कार्य करते समय कंप्यूटर किसी कारणवश चलते-चलते हैंग होने लगता है तो इस समस्या को दूर करने के लिए हम अपने कंप्यूटर के कीवर्ड से ALT + CTRL + DELETE बटन दबाते है या फिर कंप्यूटर के स्टार्ट मेनूबार में जाकर “RESTART” फंक्शन पर क्लिक करते है तो इस स्थति में हमारा कंप्यूटर बंद होकर अपने आप चालू हो जाते है तो इसी PROCESS को WARM BOOTING PROCESS कहा जाता है।
WARM BOOTING PROCESS के अंदर कंप्यूटर बिल्कुल पूरी तरह से बंद नहीं होता है।
ध्यान दें – दोस्तों यदि आप Booting Process क्या है और यह कंप्यूटर में क्या कार्य करती है अब भी नहीं समझे है तो इसमें चिंता करने की कोई बात नहीं है हमने Booting Process से सम्बंधित एक वीडियो बना दिया है आप इस वीडियो को शुरू से लेकर अंत तक जरूर देखे आप Booting Process को और आसान तरीके से जान सकते है.
वर्तमान के कंप्यूटर के अंदर Booting Process में क्या कोई बदलाब हुआ है क्या ?
वर्तमान के कंप्यूटर के अंदर Booting Process में कोई भी बदलाब नहीं हुआ पहले जैसे कंप्यूटर चालू होते थे जिस प्रकार पहले के कंप्यूटर में बूटिंग प्रोसेस होती है ठीक उसी प्रकार आज के समय के कंप्यूटर में उसी प्रकार बूटिंग प्रोसेस होती है इसमें कोई भी बदलाब नहीं है लेकिन Windows 10 के Version में कंप्यूटर लैपटॉप पावर बटन दबाने के BIOS प्रोसेस कम्पलीट होने के बाद कभी-कभी Windows Update होने लगती है जिसकी वजह से कंप्यूटर पूरी तरह से चालू होने में थोड़ा टाइम लगता है और आप Windows Update के समय कंप्यूटर लैपटॉप को बंद नहीं कर सकते.